वैश्विक मंदी के बीच अच्छी खबर है कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधि में नवंबर महीने में मामूली तेजी आई है, हालाँकि अभी इस सेक्टर कि मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। आईएचएस मार्केिट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सर्वे के रिपोर्ट के मुताबिक देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की पीएमआई में नवंबर माह में बढ़ोत्तरी हुई है। यह अक्टूबर महीने के 50.6 के मुकाबले 51.2 पर आ गई है। अक्टूबर महीने में यह दो साल के न्यूनतम स्तर पर थी।
सर्वे के मुताबिक पीएमआई में अक्टूबर की तुलना में सुधार हुआ है, लेकिन एक साल पहले की तुलना में इसमें गिरावट आई है। नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग और डिमांड में रिकवरी के कारण नवंबर महीने में मैंन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में इजाफा देखने को मिला है। लगातार 28वां महीना है, जब मैन्युफैक्चरिंग पीएम्आई 50 अंकों से ऊपर बनी हुई है। पीएमआई का 50 से ऊपर रहना विस्तार को और इससे नीचे रहना सुस्ती को दर्शाता है। वहीं नए ऑर्डर और उत्पादन में धीमी वृद्धि के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ अभी भी सुस्त ही है। नए प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग और डिमांड में रिकवरी के कारण नवंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में इजाफा देखने को मिला, लेकिन बाजार में अनिश्चितता और प्रतिस्पर्धा बनी हुई है।
आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पालियाना डी लीमा का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अक्टूबर महीने में आई बड़ी गिरावट के बाद अब नवंबर महीने में आई तेजी अच्छा संकेत है। उत्पादन, फैक्ट्री ऑर्डर और आयात अभी भी साल के शुरुआती स्तर से दूर है। अर्थव्यवस्था में कुछ अनिश्चितता है, जिसके चलते डेढ़ साल में पहली बार कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी की है